हाथरस- अलीगढ रोड स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के आनन्दपुरी कालोनी में मनाया गया केन्द्र की राजयोग शिक्षिका बी.के. शान्ता बहिन की माताजी का स्मृति दिवस

हाथरस। अलीगढ रोड स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के आनन्दपुरी कालोनी में केन्द्र की राजयोग शिक्षिका बी.के. शान्ता बहिन की माताजी का स्मृति दिवस मनाया गया। जिसमें नियमित ब्रह्मावत्सों के अलावा गीता पाठशालाओं के ब्रह्मावत्सों ने भी सहभागिता की।
इस अवसर पर बी.के. शान्ता बहिन की दिवंगत माताजी को श्रद्धांजलि अर्पित की गईं। परमपिता परमात्मा शिव के प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा ‘‘नई दुनिया के लिए नया ज्ञान’’ में महावाक्यों पर सम्बोधन करते हुए बी.के. शान्ता बहिन ने कहा कि यदि मन ‘‘मनमनाभव’’ अर्थात् परमात्मा की स्मृति में है तो सदा मन दुरुस्त है और यदि मन दुरुस्त है तो तन दुरुस्त रहेगा ही। जिसने बुराईयों का त्याग किया है वह अपने गुणों से सभी को गुणवान बनायेंगे। दुनिया में चारों ओर बुराईयों के फैले हुए अंधकार से डरने की बजाय आत्मा ज्योति का दीपक जला लो तो अधंकार भाग जायेगा। दाता के बच्चे दाता बनो, दूसरों से मान, शान, आदर माँगने वाले भिखारी नहीं बनो, सबको मान दो तो माननीय स्वतः बन जायेंगे।
बी.के. कैप्टन अहसान सिंह ने कहा कि जीवन बहुत छोटा है और परिवार में रहते हुए लड़-झगड़कर बिताना समझदारी नहीं है। बिछोह होने पर स्मृतियाँ आती हैं इसलिए सबके साथ नहीं तो कम से कम परिवार के साथ तो मिलजुल कर रहना सीख लेना चाहिए।
दीपक ने ‘‘तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है’’ गीत सुनाकर भावविभोर कर दिया। इस अवसर पर बीके कैप्टन अहसान सिंह, हरीश शर्मा एडवोकेट, दाऊदयाल अग्रवाल, सी.पी. शर्मा, राजेश शर्मा, सत्यवीर सिंह, रामेश्वर दयाल, पूर्व फौजी केशवदेव, मनोज कुमार, विनोद कुमार, संजीव कुमार, ममता, वंदना, विमलेश, उर्मिला, पार्वती, रामप्यारी, सरोज, सोनदेवी, वेदवती आदि ब्रह्मावत्स उपस्थित थे।

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