हिन्दू समाज में धर्म के प्रति जागरण तथा समाज को संगठित करने तथा शक्ति के संचार के उद्देश्य के साथ इस यात्रा की शुरूआत वर्ष 2011 में शिवरात्रि के पावन पर्व पर नगर के गौरी शंकर हिन्दू इन्टर कालेज से की गयी थी। उस समय कुछ युवकों के मन में हिन्दू समाज को जागृत करने और संगठित करने के उद्देश्य को लेकर मश्तिष्क में एक बिचार आया कि नगर में जागरण यात्रा निकाली जाये। और अमितोश राठी, मुकुल गुप्ता और प्रशान्त विक्रम शाह से होता हुआ विचार हिन्दूवादी कार्यकर्ता विपिन लाल, विवेकशील राघव, मनोज वाष्र्णेय आदि लोगों तक पंहुचा। और बैठक हुयी और जागरण यात्रा निकाल कर समाज के लोगों को जागृत एवं संगठित किये जाने पर जोर दिया गया। यात्रा का नाम रखा गया शिव शक्ति जागरण यात्रा। 2011 में पहली बार जब जागरण यात्रा निकल रही थी तो लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था । तव से लगातार हर वर्ष जागरण यात्रा का शुभारम्भ नगर मेंहोता आ रहा है। पूरे वर्ष क्षेत्र के लोगोंको विशेष कर युवाओं को इसकी प्रतिक्षा रहती है। यात्रा मेंहर बार वही उत्साह और जोश और शक्ति का संचार देखेन को मिलता है। हां अगर यात्रा में कुछ बदला है तो वह है उसका नाम जोकि शिवशक्ति जागरण यात्रा के स्थान पर शिवशक्ति संकीर्तन यात्रा हो गया। आजतक लोगों के जहन में साफ नही हो सका है कि आखिर यात्रा का नाम बदलने की क्या आवश्यकता थी। जिस उद्देश्य को लेकर यात्रा की नींव डाली गयी थी उस पर यात्रा का नाम शिवशक्ति जागरण यात्रा सटीक और पूर्ण था ।
हिन्दू समाज में धर्म के प्रति जागरण तथा समाज को संगठित करने तथा शक्ति के संचार के उद्देश्य के साथ इस यात्रा की शुरूआत वर्ष 2011 में शिवरात्रि के पावन पर्व पर नगर के गौरी शंकर हिन्दू इन्टर कालेज से की गयी थी। उस समय कुछ युवकों के मन में हिन्दू समाज को जागृत करने और संगठित करने के उद्देश्य को लेकर मश्तिष्क में एक बिचार आया कि नगर में जागरण यात्रा निकाली जाये। और अमितोश राठी, मुकुल गुप्ता और प्रशान्त विक्रम शाह से होता हुआ विचार हिन्दूवादी कार्यकर्ता विपिन लाल, विवेकशील राघव, मनोज वाष्र्णेय आदि लोगों तक पंहुचा। और बैठक हुयी और जागरण यात्रा निकाल कर समाज के लोगों को जागृत एवं संगठित किये जाने पर जोर दिया गया। यात्रा का नाम रखा गया शिव शक्ति जागरण यात्रा। 2011 में पहली बार जब जागरण यात्रा निकल रही थी तो लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था । तव से लगातार हर वर्ष जागरण यात्रा का शुभारम्भ नगर मेंहोता आ रहा है। पूरे वर्ष क्षेत्र के लोगोंको विशेष कर युवाओं को इसकी प्रतिक्षा रहती है। यात्रा मेंहर बार वही उत्साह और जोश और शक्ति का संचार देखेन को मिलता है। हां अगर यात्रा में कुछ बदला है तो वह है उसका नाम जोकि शिवशक्ति जागरण यात्रा के स्थान पर शिवशक्ति संकीर्तन यात्रा हो गया। आजतक लोगों के जहन में साफ नही हो सका है कि आखिर यात्रा का नाम बदलने की क्या आवश्यकता थी। जिस उद्देश्य को लेकर यात्रा की नींव डाली गयी थी उस पर यात्रा का नाम शिवशक्ति जागरण यात्रा सटीक और पूर्ण था ।
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