अस्थायी गौशाला बनाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधानो, ग्राम पंचायत सचिवों तथा अधिकारियों के साथ की बैठक

हाथरस। जनपद के आवारा तथा निराश्रित पशु के आतंक से किसान की फसल को हो रहे नुकसान से बचाने तथा ग्रामीण एवं स्थानीय निकायों पर अस्थायी गौशाला बनाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी डा0 रमा शंकर मौर्य ने समस्त ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायत सचिवों तथा सम्बन्धित अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार बैठक की।
   बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि वर्तमान समय की ज्वलन्त समस्या के निदान के लियें शासन द्वारा अस्थायी गौशाला बनाने के निर्देश जारी किये गये है। उन्होने कहा कि अस्थायी गोवंश के लियें ग्राम पंचायत, नगर निकाय स्तर पर अस्थायी गौशाला का निर्माण किया जाना है। जिसके लियें सम्बन्धित ग्राम पंचायत में चारागाह, गोचर भूमि के साथ सिंचाई, मत्स्य, उद्यान, कृषि, गन्ना तथा विकास आदि विभाग के भूमि पर अस्थायी गौशाला का निर्माण किया जा सकता है। जिलाधिकारी ने प्रधानों द्वारा अस्थायी गौशाला के लिये धनराशि की समस्या बताये जाने पर कहा कि शासनादेश के अनुसार ग्राम पंचायत निधि तथा वित्त आयोग की धनराशि का प्रयोग कर सकते है। उन्होने कहा कि अस्थायी गौशाला में संरक्षित गोवंश के संचालन, प्रबंधन व भरण पोषण की व्यवस्था के लियें ग्राम पंचायत तथा स्थानीय निकायों द्वारा अपने स्वयं के ससंाधनों का प्रयोग करेगे। उन्होने कहा कि इसके लियें जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति के भौतिक निरीक्षण के उपरान्त संरक्षित गोवंश की संख्या के 70 प्रतिशत को आधार मानते हुए समय समय पर निर्धारित धनराशि के आधार पर अनुदान देय होगा। उन्होने सख्त निर्देश दिया कि पालतु पशुओं द्वारा अपने पशुओं को सडक वा सार्वजनिक स्थलों पर छोड़े जाने पर उचित आर्थिक दण्डातक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है। उन्होने कहा कि अस्थायी गौशाला बनाने में किसी भी प्रकार की समस्या के निस्तारण के लियें सम्बन्धित अधिकारीगण से सम्पर्क कर सकते है।
    पुलिस अधीक्षक जय प्रकाश ने कहा कि आवारा पशु आमजनमानस की समस्या है। जिसके समाधान के लिये शासन द्वारा शासनादेश जारी किया गया है। जिसके द्वारा धन के स्त्रोतों एवं काम करने के तरीकों को बताया गया है। जिसके माध्यम से आने वाली समस्याओं का निदान करेगें। इसका सबसे उचित प्रबंधन ग्राम स्तर पर ही किया जा सकता है। उन्होने कहा कि इसके लिये सम्बन्धित ग्राम प्रधान अपने ग्राम समाज की भूमि में अस्थायी गौशाला हेतु जगह का चिन्हाकन यथाशीघ्र कर लें। इसके पश्चात पैसे के प्रबन्ध के लियें अपने ग्राम पंचायत सचिव से मिलकर शासनादेश के अनुसार धनराशि का प्रयोग करे। जिससे किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता का सामना न करना पड़ें। उन्होने कहा कि यह आमजनमानस तथा किसानों की समस्या है। अतः इसका प्रबन्ध मिलकर करना होगा।
   परियोजना निदेशक चन्द्र शेखर शुक्ला ने ग्राम प्रधानों तथा ग्राम पंचायत सचिव को शासनादेश को पढ़कर क्रियान्वयन करने के तरीकों के बारे में बताया। उन्होने कहा कि अस्थायी गौशाला के स्थापना, क्रियान्वयन, संचालन तथा प्रबन्धन के लियें विकास खण्ड स्तर, तहसील स्तर तथा जनपद स्तर पर समीक्षा समिति का भी गठन किया गया है। जो गौशालाआंे के निर्माण में आने वाली समस्याओं का समाधान करेगे। उन्होने बताया कि जनपद के अस्थायी गौशाला में आने वाली चारे की समस्या के समाधान के लियें ग्राम निधि से भी धनराशि का उपयोग कर सकते है।
    बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी एस0पी0 सिंह, जिला विकास अधिकारी मंजू श्रीवास्तव, उपजिलाधिकारी हाथरस अरूण कुमार सिंह, उपजिलाधिकारी सासनी नितीश कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी डिपिन कुमार, जिला उद्यान अधिकारी गमपाल सिंह, खण्ड विकास अधिकारी प्रतिमा निमेष, खण्ड विकास अधिकारी शैली गोविल, खण्ड विकास अधिकारी सासनी धनीराम शर्मा, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत लल्लन राम यादव, ग्राम प्रधान धर्मवीर सिंह सहित समस्त ग्राम प्रधान तथा ग्राम पंचायत सचिव उपस्थित रहे।

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